भारतीय रेलवे ने यात्री सुविधा और स्टेशन की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए प्राइवेट हाथों में सौंपने की योजना बना रहा है। रेलवे अब स्टेशन पर जनरल टिकट बेचने की जिम्मेदारी बुकिंग क्लर्क की जगह निजी कर्मचारियों को देने की तैयारी कर रहा है।

रेलवे की तरफ से मुख्य रेल मार्ग में आने वाले हाल्ट रेलवे स्टेशनों पर यह व्यवस्था शुरू कर दी गयी है। जनरल टिकट बेचने की जिम्मेदारी कम से कम 10वीं पास लोगों की दी जाएगी। इसके अलावा वह स्टेशन से जुड़े शहर या गांव का रहने वाला हो सकता है।
जनरल टिकट बेचने पर रेलवे की तरफ से इन लोगों को टिकट की ब्रिकी के मुताबिक कमीशन मिलेगा। टिकट की ब्रिकी बढ़ने के साथ ही कमीशन की राशि कम होती चली जाएगी। रेलवे की तरफ से निजी कर्मचारियों को सिर्फ प्रिंट कराकर टिकट दिया जाएगा, बाकी व्यवस्था उन्हें खुद करनी होगी।
जितना वेतन उतना काम नहीं

हर स्टेशन में टिकट काउंटर होते है और उसमे एक स्टाफ को तैनात किया जाता है। पर फिर भी विवाद होते रहते है। टिकट बनाने में देरी होती है और ज्यादा समय लगता है। रेलवे इस सिस्टम को सुधारना चाहता है।
निजी कर्मी जितना ज्यादा टिकट बेचेंगे कमीशन उतना कम होगा। 15 हजार तक पर 15 प्रतिशत, 50 से 1 लाख तक पर 9 प्रतिशत, 1 से 2 लाख तक पर 6 प्रतिशत, 2 लाख से अधिक मिलेगा।
स्टेशन में जो जगह टिकट बेचने के लिए रेलवे की तरफ से मिलेगी उसकी खुद ही सफाई करनी होगी। प्रारंभिक तौर पर एक शख्स को 5 साल के लिए जिम्मेदारी दी जाएगी।