मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के MPPEB आरक्षक भर्ती परीक्षा पर बड़ी खबर निकल कर सामने आई है। MP High Court ने MPPEB को कड़े निर्देश दिए हैं। इस दौरान मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल घटक की एकल पीठ ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि यदि छात्रों ने रोजगार पंजीयन नहीं कराया है तब भी आवेदकों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल किया जाए, इस आदेश के बाद जिसका लाभ लाखो छात्रों को मिलने वाला है।

मामले की सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की एकल पीठ ने व्यवसायिक परीक्षा मंडल को आदेश दिया गया कि जानकारी के मुताबिक मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद की जाएगी।
जानकारी के अनुसार जबलपुर निवासी गगन राज, संतोष कुमार, वर्षा शर्मा सहित कई अन्य छात्रों द्वारा याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उनका रोजगार पंजीयन 2020 में समाप्त हो गया था।

इस मामले में अधिवक्ता अमृत रूपराह ने दलील पेश करते हुए कहा कि पुराने पंजीयन के आधार पर आवेदकों द्वारा फॉर्म भरा गया था।
मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन स्वीकार हुए और आवेदकों ने लिखित परीक्षा भी पास कर ली लेकिन पंजीयन समाप्ति को आधार बनाकर इन उम्मीदवारों को शारीरिक दक्षता परीक्षा से वंचित किया जा रहा है। जो बिल्कुल अनुचित कदम है।
इससे छात्रों के भविष्य पर बुरा असर पड़ सकता है। जिसके बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की एकल पीठ ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए छात्रों के हित को देखते हुए फैसला दिया है, वहीं मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल को मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती आरक्षक परीक्षा में इन छात्रों को सम्मिलित करने के आदेश दिए गए हैं।