मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में 27% आरक्षण मामले में आज सुनवाई की गयी। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता प्रस्तुत हुए। सुनवाई के बाद MP High Court ने अंतरिम आदेश में बदलाव करने से सीधे इंकार कर दिया।
हाई कोर्ट ने OBC आरक्षण मामले पर अपना नया अंतरिम आदेश देने से भी इंकार किया है। कोर्ट अब लगाई गयी याचिकाओं पर अपना सीधे अंतिम फैसला सुनाने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि 27% OBC Reservation पर अंतरिम रोक जारी रहेगी।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की मुख्य बेंच में पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरी में 27% आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर आज सुनवाई हुई। जिसमें मुख्य न्यायधीश की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि इस केस की डे टू डे सुनवाई की जाएगी।
चीफ जस्टिस ने कहा कि इस केस को सुनने के लिए रोजाना 40 से 45 मिनट का वक्त दिया जायेगा। लेकिन दिल्ली से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के जबलपुर ना आ पाने के कारण इस केस की सुनवाई 25 जुलाई तक के लिए निश्चित कर दी गयी है।

मध्य प्रदेश सरकार की तरफ़ से प्रस्तुत हुए उप महाधिवक्ता आशीष बर्नाड ने कोर्ट को जानकारी दी कि इस केस में पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अन्य केस में व्यस्त होने के कारण आज उपस्थित नहीं हो पाए है।
प्राप्त जानकरी के मुताबिक OBC आरक्षण को लेकर कुल 62 याचिका हाईकोर्ट में लगायी गयी है। जिसमे ओबीसी के 27% आरक्षण की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 32 याचिकाएं लगायी है वहीं OBC को 27% आरक्षण के समर्थन में 30 याचिका लगायी गयी है।
इस आरक्षण के मामले में राज्य सरकार ने अंतरिम आदेश में संशोधन की मांग रखी थी। अब इस पर 25 जुलाई को सुनवाई की जाएगी। इस दिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता राज्य सरकार का पक्ष MP High Court के सामने प्रस्तुत करेंगे।