Indore Nagar Nigam Chunav 2022 Voting नगर निगम निर्वाचन की मतदाता सूची में सरकार और भाजपा ने पहले उसकी शिकायतों को राजनीतिक स्वार्थ के चलते खारिज किया। नतीजा सामने है कि कांग्रेस ने मतदाता सूची में धांधली का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग कर दी है।

कांग्रेस के प्रवक्ता और एडवोकेट रवि गुरनानी ने कहा कि मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग ने भी मतदान दिवस से तीन दिन पूर्व मतदाता सूची दुरुस्त करने के आदेश दिए थे, जिसका भी पालन रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों ने नहीं किया, ऐसे दोषी अधिकारियों पर तुरंत आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने मामले पर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी और दो वर्ष से लड़ाई कर रहे हैं। कांग्रेस इससे पहले विभिन्न स्तर पर आपत्तियां देकर मतदाता सूची दुरूस्त करने की मांग रख चुकी है।
जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दो लाख 59 हजार फर्जी नाम मतदाता सूची से हटाने का पत्र माननीय उच्च न्यायालय में दिया गया था, जिसके बाद भी डबल व फर्जी नाम अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची में पाए गए।

कौशल ने भारत निर्वाचन आयोग सहित मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग को प्रमाण देकर शिकायत दर्ज कराई थी। मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 18 जून 2022 को जारी पत्र अनुसार इंदौर नगर निगम की मतदाता सूची को मतदान दिवस से तीन दिवस पूर्व हटाकर प्रतिवेदन देने के आदेश जिला कलेक्टर को जारी किए थे।
हालांकि अधिकारियों ने मतदाता सूची को दुरुस्त न करके प्रतिवेदन राज्य निर्वाचन आयोग को नहीं दिया है। मतदान दिवस पर मतदाता सूची में धांधली के चलते हजारों नागरिक मतदान करने से वंचित रह गए है तथा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं करके बिना किसी कारण मतदाता सूची में मतदाताओं का नाम काटे जाने के लिए जिम्मेदार अफसरों पर तुरंत कार्रवाई करने तथा आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये की मांग की है।
भाजपा के पूर्व पार्षद भरत पारिख ने कहा है कि मतदाता सूची की गड़बड़ी से करीब एक लाख मतदाता मतदान से वंचित रहे हैं। इस मामले पर संज्ञान लेने और कार्रवाई की जरुरत है।