
शुक्रवार देर रात जारी एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, भारत ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात (Wheat Exports India) पर प्रतिबंध लगा दिया है, DGFT ने कहा कि गेहूं की निर्यात नीति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है।
DGFT ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
रूस-यूक्रेन संकट के बाद वैश्विक दरों में लगभग 40% की वृद्धि हुई है, परिणाम स्वरुप जैसे ही भारत ने निर्यात बढ़ाया, भारत में गेहूं और अनाज की कीमतें बढ़ गयीं।
रबी सीजन में उत्पादन अनुमान से कम रहने की उम्मीद है जिसकी वजह से आने वाले महीनों में देश को अनाज की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
उद्योग के हितधारकों ने संकेत दिया है कि देश में अनाज के शीर्ष उत्पादक पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में उपज में कमी के कारण आने वाले महीनों में उपज की आपूर्ति में और गिरावट आ सकती है ।
अनुमान लगाया गया है कि इस सीजन में पैदावार 10% से 50% तक गिर गई है। इसका मुख्य कारण भारत में पढ़ रही चिलचिलाती गर्मी जिसकी वजह से गेहूं की फसल सिकुड़ गई और कम पैदावार के लिए उच्चतम तापमान जिम्मेदार साबित हुआ
भारत ने वित्त वर्ष 2022 में रिकॉर्ड 7 मिलियन टन अनाज का निर्यात किया, इसकी बड़ी वजह रूस यूक्रेन युद्ध संकट बताया जा रहा है।