Antimicrobial Solutions Virology कपड़े से बनी चीजें माइक्रोबियल रोगों के सबसे बड़े सहायक हैं, इनकी वजह से दुनियाभर में लोग हॉस्पिटल अक्वायर्ड इंफेक्शन (HAI) यानी आसान भाषा में कहें तो अस्पतालों में जाने के बाद संक्रमण से ग्रसित हो जाना हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में अस्पताल में भर्ती होने वाला हर 10 में से 1 मरीज HAI का शिकार हो जाता है, मेडिकफाइबर्स नाम के एक IIT दिल्ली के स्टार्टअप ने AIIMS दिल्ली के साथ पार्टनरशिप की है।
इस स्टार्टअप ने एंटीमाइक्रोबियल सॉल्यूशन वीरोक्लॉग को तैयार किया है, जिसे कपड़े पर लगाने से HAI से सुरक्षा मिलती है।

वीरोक्लॉग को लगाने के बाद कपड़े पर वायरस, बैक्टीरिया, फंगी टिक नहीं पाते हैं। वीरोक्लॉग एंटीमाइक्रोबियल सॉल्यूशन को लगाने से सतह की ऊर्जा कम हो जाती है, इससे माइक्रोब्स सतह पर चिपक नहीं पाते हैं और उनके पनपने के खतरे को समाप्त कर दिया जाता है।
लिपिड बेस्ड मेंब्रेन वायरस को निष्क्रिय कर देता है, इससे इंफेक्शन नहीं फैल पाता है। इस टेक्निक का मूल महत्व अस्पताल के कपड़ों के साथ एंट्रीमाइक्रोबियल टेक्नोलॉजी का उपयोग करना है। इससे मरीजों की जान तो बचाई ही जा सकेगी, साथ ही स्वास्थ्य संबंधी लागत को कम करने में भी सहायता मिलेगी।

एंटीमाइक्रोबियल सॉल्यूशन वीरोक्लॉग को लेकर AIIMS दिल्ली, IIC बैंगलोर और NABL द्वारा मान्यता प्राप्त कई लैब्स में टेस्ट किया गया है, टेस्ट से पता चलता है कि वीरोक्लॉग टेक्नोलॉजी के जरिए अस्पताल के कपड़ों से होने वाले संक्रमण में महत्वपूर्ण रूप से गिरावट होती है। मेडिकफाइबर्स के फाउंडर हर्ष लाल ने कहा, ‘मौजूदा कंपनियां मुख्य रूप से एजी-कोटेड Nanoparticle पर भरोसा करते हैं, जबकि वीरोक्लॉग काफी अलग है, इसमें ढेरों माइक्रोबियल गुण होते है।