मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड आंत्रप्रेन्योरशिप अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों के लिए लगभग 22 प्रोग्राम शुरू करने की योजना बन रही है, इस मामले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
हाल ही में केंद्र सरकार ने विरोध के बीच अग्निपथ योजना को लागू कर दिया है, दरअसल इस प्रोग्राम्स का मकसद चार साल सेवा के बाद रिटायर होने वाले अग्निवीरों के लिए Business वाले प्लान को तैयार करने में मदद करना है, ताकि इससे उन्हें लाभ हो सके।

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इन प्रोग्राम्स के जरिए उन्हें नौकरियों के लिए एक विकल्प मिलेगा। भारत सरकार आने वाले महीनों में 17.5 वर्ष से 23 वर्ष की आयु के बीच लगभग 46,000 पुरुषों और महिलाओं को सेना में शामिल करने की योजना बना रही है।
बताया गया है कि इन प्रोग्राम्स की शुरुआत 2016-17 में हुई थी, लेकिन अब इन्हें देशभर के 21 सेंटर्स में Business सिखाया जाएगा, नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, ‘कोविड महामारी के वक्त इन प्रोग्राम्स को रोक दिया गया था, अभी तक हम साल में तीन या चार कोर्स ही करा पाते थे, लेकिन इस बार करीब 22 कोर्स होंगे।
400 लोगो को मिल चकी है ट्रेनिंग

अभी तक करीब 400 लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है, अधिकारी ने कहा, ‘कुछ लोगों ने कोचिंग सेंटर और स्कूल शुरू कर दिए हैं, जबकि अन्य लोगों को सिक्योरिटी सेक्टर में जॉब मिल गई है।
मॉड्यूल को डायनिमिक होने और बेहतर अवसर सुनिश्चित कर कौशल प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है,’ इस साल मंत्रालय करीब 1,000 पूर्व सैनिकों को ट्रेनिंग देने की योजना बना रहा है, जिनमें से ज्यादातर 40 की उम्र के हैं।
ट्रेनिंग में वेब डेवलपमेंट की जानकारी दी जाती है

मॉड्यूल लगभग आठ से बारह सप्ताह लंबे होते हैं और देहरादून और नोएडा के सेंटर्स में पढ़ाए जा रहे हैं. इनमें रिटेल टीम लीडर के रूप में ट्रेनिंग, आंत्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट और यहां तक कि वेब डेवलपमेंट भी शामिल है।
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट (NIESBUD) ट्रेनिंग, कंसल्टेंसी और रिसर्च में जुटेगा, ताकि आंत्रप्रेन्योरशिप और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए आर्म्ड फोर्सेज के साथ मिलकर अग्निवीरों को ट्रेन्ड किया जा सके।